कोई हम-नफस नहीं है  कोई राजदान  नहीं है

फ़क़त एक दिल था अपना, वो भी  मेहरबान नहीं है

मेरी रूह की हकीकत मेरे आंसुओं से पूछो

मेरा मजलिसी तबस्सुम मेरा तर्जुमान नहीं है 


इन्हीं पत्थरों पे चल  कर अगरआ सको तो आओ 

मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशां नहीं है

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