रोने दे आज हमको तू आँखें सुजाने दे
बाहों में ले ले और ख़ुद को भीग जाने दे
हैं जो सीने में क़ैद दरिया वो छूट जायेगा
हैं इतना दर्द के तेरा दामन भीग जायेगा

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